ग्रामीण छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से सन्त बूला सत्यनाम दास बीरबल पी0जी0कालेज‚दुल्लाहपुर‚गाजीपुर (उ0प्र0), की स्थापना प्रायः ऐसी जगहों पर की गयी है जहाँ पहले से महाविद्यालयों का अभाव है। सन्त बूला सत्यनाम दास बीरबल पी0जी0कालेज‚दुल्लाहपुर‚गाजीपुर (उ0प्र0), की स्थापना इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की गयी। रामपुर में स्थित यह संस्थान कई एकड़ के परिसर में विकसित किया गया है। इस महाविद्यालय में उल्लेखनीय सफलता पायी है। छात्राओं के बीच खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की सुदृढ़ परम्परा यहाँ की विशेषता रही है। नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षाओं के लिए हम सदैव प्रतिबद्ध रहे हैं। प्राध्यापक अपनी कक्षाओं के प्रति सजग रहे हैं। इस बात का सदैव ख्याल रखा जाता है कि छात्राओं के साथ किसी भी प्रकार का भेद-भाव न हो। परिसर रैगिंग से पूरी तरह मुक्त है। परिसर को साफ-सुथरा और हरा-भरा रखने में प्राचार्य-प्राध्यापकों की प्रेरणा और कर्मचारियों की मुस्तैदी यहाँ देखी जा सकती है।विभिन्न अवसरों पर छात्राओं की सहायता से स्वच्छता और वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित कराए जाते रहे हैं। गाँव की छात्राएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों में अपना सम्मानजनक स्थान बना रही हैं। गाँव की छात्र/छात्राओं के आगे बढ़ने में महाविद्यालयों की बहुत बड़ी भूमिका है। न्यूनतम फीस और अधिकतम सुविधा की नीति ने गाँव की छात्र/छात्राओं को निर्बाध तरीके से उच्च शिक्षा हासिल करने में सहायता पहुँचाई है। यह सन्त बूला सत्यनाम दास बीरबल पी0जी0कालेज‚दुल्लाहपुर‚गाजीपुर (उ0प्र0), को हासिल है।महाविद्यालय में पुस्तकालय, वाचनालय एवं बुक बैंक की सुविधा उपलब्ध है | शिक्षणेत्तर कार्यक्रम के अन्तर्गत क्रीड़ा प्रशिक्षण, राष्ट्रीय सेवा योजना ( N.S.S.) रोवर्स/रेंजर्स कार्यक्रम में महाविद्यालय की सक्रिय सहभागिता रहती हैं | Read more